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पिछले दिनों हर जगह यही सुनाई दिया अभिनंदन  तुम्हारा अभिनंदन है।
पाकिस्तानी वायुसेना के लड़ाकू विमानों के भारतीय सीमा में घुसने के बाद उन्हें खदेड़ने के दौरान भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान पाकिस्तानी सीमा में पहुँच गए थे जहाँ उन्हें भीड़ ने पकड़ लिया। इसके बाद उनसे जुड़े कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगे। एक विडियो में दिख रहा है, पता चलने पर कि वह भारतीय हैं, लोगों ने उनकी धुनाई कर दी। अपनी जान बचाने के लिए उन्हें हवा में फायरिंग तक करनी पड़ी और पलक झपकते ही उन्होंने ज़रूरी कागज़ नष्ट कर दिए। एक ओर आँख से लगातार रक्त बह रहा है तो दूसरी ओर पाक सैन्य अधिकारियों से पूछ रहे हैं कि वे कौन हैं, उसके बाद अपना सर्विस नंबर बताते हैं। दूसरे विडियो में बेखौफ चाय पीते हुए पाक सेना के व्यवहार की तारीफ कर रहे हैं तो कुछ सवालों के जवाब देने से मना कर देते हैं। इसी विडियो में उन्होंने यह भी कहा कि अगर मैं अपने देश वापस लौटा, तब भी मेरा स्टेटमेंट यही रहेगा। वे जानते थे कि अब वे शायद ही स्वदेश लौट पाए।
   इसे भारतीय सैन्य प्रशिक्षण कहिए कि इतने कठिन हालात में यह रवैया, सैनिकीय ईमानदारी और गज़ब मानसिक संतुलन। 50 वर्ष पहले की तकनीक से निर्मित लड़ाकू विमान मिग-21 से आधुनिक विमान एफ-16 को ध्वस्त करने की योग्यता और हौसला। जो सही है उसे सही ठहराया। जो नियम के विरुद्ध है, देश की रक्षा के लिहाज़ से सही नहीं उसे ठुकरा दिया। अपने इसी जज्बे, जुनून, योग्यता और शुद्ध देशभक्ति के कारण अभिनंदन आज देश का वास्तविक हीरो है। हालाँकि विंग कमांडर देश लौट आए हैं पर अपनी कैद के दौरान सच्चा देशभक्त और सिपाही क्या होता है, वह उन्होंने बता दिया।
अब बात करते हैं मेरी, आपकी, हमारी, जो देशभक्ति की बातें करते हैं, जी हाँ केवल बातें ही करते हैं। हमारी देशभक्ति शुद्ध नहीं मिलावटी है, मौकापरस्त है। बिलकुल वैसी ही, जितनी किसी दुकान से सामान खरीदते समय किया जाने वाला मोलभाव। हममें से कितने लोग हैं, जो अपना काम पूरी ईमानदारी से करते हैं। हमारे आसपास प्रतिदिन कितना कुछ गलत होता है, आवाज़ उठाई आपने। हमारी आवाज़ हैसियत पर निर्भर करती है, कौन पंगा ले भ्रष्ट सिस्टम से। अपना काम बनता रहे, जिसकी समस्या है स्वयं निपटे। आज अधिकतर मेधावी युवाओं का सपना देश से उच्च शिक्षा लेकर विदेश को निकल जाना है न कि यहाँ रहकर संघर्ष करना। सब जगह धाँधली है चिप्स से दवाई तक में, चपरासी से बाबू तक में, मरीज़ से डॉक्टर तक में। इशारा किस ओर है समझ गए न। जो न समझे तो अपने हिसाब से देखिए क्योंकि मिलावट हर जगह है कश्मीर से कन्याकुमारी, गुजरात से लेकर अरुणाचल में। अनेकता में एकता पर केवल अच्छा सा निबंध ही लिखा जा सकता है। वास्तव में हमें भटकाया जाता है, लड़ाया जाता है धर्म जाति संप्रदाय भाषा क्षेत्र आदि के नाम पर और हम बस लड़ते हैं। सपने दिखाए जाते हैं, हम देखते हैं। नीरव मोदी भाग जाता है, राफेल की फाइल गायब हो जाती है। छोड़िए यह, सबकुछ जानते हुए भी सही का साथ भी कितने लोग देते हैं।
    अगर देशभक्ति केवल सेना के लिए है तो अभिनंदन के लिए गर्व करने का हक भी उसी का है, हमारा नहीं। जब तक हम अपने हिस्से की शुद्ध देशभक्ति नहीं निभाते पर क्या हमारे भीतर का अभिनंदन जिंदा है या उसमें भी मिलावट है, मौकापरस्ती है। इसका जवाब सब जानते हैं।

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